दूत - संदेश का पर्व 

आज कलीसिया दूत - संदेश का पर्व मनाती है। महादूत गाब्रिएल ईश्वर की ओर से कुँवारी मरियम के पास भेजा गया ताकि वह मरियम को प्रभु येसु के जन्म का संदेश सुना सके। महादूत गाब्रिएल ने मरियम से कहा, "देखिए! आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेंगी और उसका नाम येसु रखेंगी। वह महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु के पुत्र कहलायेंगे। प्रभु- ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा, वह याकूब के घराने पर सदा- सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अन्त नहीं होगा।" मरियम प्रारम्भ में नहीं समझ पाती है इसलिए उसे थोड़ी घबराहट होती है। लेकिन स्वर्गदूत गाब्रिएल के समझाने पर मरियम ईश्वरीय योजना में भाग लेने के लिए अपने को विनम्रतापूर्वक समर्पित करते हुए कहती है, "देखिए , मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में हो जाये।" 
ईश्वर अपनी योजना को सार्थक रूप देने के लिये हममें से किसी को भी आह्वान् दे सकते हैं। हमारे माता- पिता, भाई- बहनों, रिश्तेदारों, मित्रों और शुभचिंतको के द्वारा या किसी भी माध्यम से ईश्वरीय बुलाहट आ सकती है। हम उनकी वाणी सुन कर मरियम की तरह उदारतापूर्वक इतना भर कह सकें, "देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये।" बाकी ईश्वर अपनी योजना को पूरा करने के लिये हमें अपनी कृपा से सक्षम बना देंगे।

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