तमन्ना

पाप ईश्वर की आज्ञा का उल्लंघन और कृपा को नकारना है। प्रलोभन की स्थिति में भी ईश्वर हमारी मदद करते हैं लेकिन हमारे अन्तरतम में होने वाली आवाज को हम दबा लेते हैं। हमारा मानवीय स्वभाव है कि अपनी गलती को स्वीकार करने के बजाय दूसरों पर मढ़ते हैं। यही स्थिति आदम और हेवा के साथ थी। ईश्वर हमें आज भी खोजते हैं। आदम, आदम तुम कहाँ हो? अगर ईश्वर हमें प्यार नहीं करते तो हमारे विनाश को देखकर खुशी होती। हमारे जीवन, परिवार, समाज और कलीसिया में माँ का विशेष स्थान है। ईश्वर ने मानव मुक्ति के लिए दूसरी हेवा निष्कलंक माँ मरिया को प्रदान किया और उसके द्वारा दूसरा आदम ईसा का जन्म हुआ। आदम के द्वारा दुनिया में पाप और ईसा के द्वारा नवजीवन आता है। 
रोटियों के चमत्कार के समान बाइबिल के किसी भी चमत्कार का उल्लेख नहीं है- संत मत्ती और मारकुस में 2 बार जबकि लूकस और योहन में एक एक मर्तबा। चमत्कार में विशेष कर दो बिन्दुओं पर विचार करेंगे। 
1. ईसा की सहानुभूति - लोगों को देखकर ईसा को तरस हो आता है। तीन दिनों से वचन सुन रहे हैं अब अपने - अपने घर जाने का वक्त आ गया है।
2. ईसा की चुनौती जब ईसा लोगों को देखकर दया से भर आए कि उन्हें खाने के लिए कुछ देना है तब शिष्यों ने तुरन्त व्यावहारिक कठिनाइयों की ओर इंगित किया। करुणा चुनौती में बदल जाती है। ईसा का कहना यही था कि मदद करने का जो उत्तरदायित्व है उसे किसी के कंधों पर मत डालो। जीवन में सफलता के लिए किसी मौसम की जरूरत नहीं, बस मन में एक तमन्ना होनी चाहिए।

Add new comment

6 + 1 =