छोटे बालकों जैसे

बिल्ल ग्रहम ने कहा है, "आँसू अपने लिए बहाते हो तो वह अपनी दुर्बलता का चिन्ह है; आँसू दूसरों के लिए बहाते हो तो वह अपनी प्रबलता का चिन्ह है।" आज की संत तेरेसा ने अपने आँसू, दुःख- तकलीफ, कष्ट- क्लेश अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए, मानव और ईश्वर के प्रेम, साथ ही साथ मिशन के लिए समर्पित किया। इसलिए वे मिशन की संरक्षिका के रूप में घोषित की गईं। उनकी खूबी है बच्चों जैसी सरलता, सौम्यता, विनम्रता और विन्यास। बच्चों जैसे सद्गुण सम्पन्न स्वभाव व व्यवहार। इसलिए प्रभु येसु आज के सुसमाचार में छोटे बालकों जैसे बनने के लिए आह्वान करते हैं। हम भी इन गुणों से विभूषित हो जायें, ताकि हम इस लोक में प्रभु को सच्ची साक्षी दे सकें और स्वर्गराज्य में प्रवेश कर सकें। संत तेरेसा ने साधारण दायित्व को चाह, प्रेम और समर्पण के साथ असाधारण रूप से किया। इसलिए उनका जीवन हमारे लिए आदर्श और प्रेरणादायक है।

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