Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
अपने स्वर्गिक पिता जैसे दयालु बनो।
आज के पहले पाठ में मनुष्य की कमजोरियों को दर्शाया गया है। इस्राएली जनता ने ईश्वर के विरुद्ध पाप किया और अपनी कमजोरियों के कारण ईश्वर के अनुदेशों का अक्षरशः पालन नहीं किया। नबी दानिएल लोगों को उनके अपराधों का बोध कराते हैं। ईश्वरीय चुनी हुई प्रजा को आत्मबोध होता है और वे पश्चात्ताप करते हैं। एक पश्चात्तापी पापी के लिए ईश्वर का द्वार हमेशा खुला रहता है। क्योंकि ईश्वर पाप के घृणा करते हैं लेकिन एक पश्चात्तापी पापी से नहीं। इस पुण्य काल में हमें भी एक पश्चात्तापी पापी की तरह अपना हृदय खोल कर ईश्वर के पास लौट जाना चाहिए। क्योंकि ईश्वर हम सब की राह देखते रहते हैं कि हम कब उनके पास लौट कर आयें।
आज के सुसमाचार पाठ में येसु अपने शिष्यों को अनुदेश देते कहते हैं कि तुम अपने स्वर्गिक पिता जैसे दयालु बनो, अभियोग न लगाओ, किसी के विरुद्ध निर्णय मत दो और क्षमा करो। दबा दबा कर, हिला- हिला कर भरी हुई, ऊपर उठी हुई, पूरी की पूरी नाप तुम्हारी गोद में डाली जायेगी; क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जायेगा। सचमुच जो जितना देता है उसे उससे कहीं अधिक मिलता है। यह ईश्वर की महान् कृपा ही है। अपनी विनम्रता, दयालुता और उदारता के कारण जीने वालों की धार्मिकता ईश्वर को प्रिय होती है।
हम इस चालीसे के पुण्य काल में विनम्र प्रार्थना, दयालुता और उदारता के सद्गुणों के लिए प्रार्थना करें ताकि ईश्वर अपनी असीम दया और प्रेम से हमारे सारे अपराधों को क्षमा करे और हमें स्वीकार करे।
Add new comment